संगीन मामलों में विवेचना का नया दिशा निर्देश जारी करने को कहा
बलिया :भले ही संगीन मामलों में पुलिस विवेचना करती है, लेकिन कई अहम पहलुओं को अपने विवेचना के दौरान नजर अंदाज कर देती है. जिसके चलते कोर्ट में हत्या जैसे संगीन अपराधों के आरोपी बाइज्जत बरी हो जाते हैं. ऐसे ही एक हत्या के मामले में बलिया एक विशेष कोर्ट ने दो आरोपियों को रिहा करने का आदेश देते हुए शासन को आदेश की कॉपी भेजकर शासन को नए तरीके से विवेचना के लिए गाइड लाइन जारी करने को कहा हैं.
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भीमपुरा थाना के गजियापुर गांव में तीन साल पहले एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश ईसी एक्ट महेश चंद्र वर्मा की अदालत ने दो हत्यारोपियों के खिलाफ दोष साबित नहीं पाते हुए बाइज्जत बरी करने का आदेश दिया. जबकि मामले में कोर्ट ने इस प्रकरण में कई महत्वपूर्ण तथ्यों पर विवेचना में कमी पाते हुए शासन के प्रमुख सचिव पुलिस महानिदेशक सहित कई आला अफसर को आदेश की प्रति प्रेषित करने का निर्देश दिया है.
इस मामले में विवेचना के लिए समस्त विवेचना को आवश्यक निर्देश जारी करने के लिए शासन के अवसरों को कहा है.अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि वादी मुकदमा सौदागर पटेल द्वारा लिखित तहरीर / शिकायत-पत्र देकर यह प्रथम सूचना रिपोर्ट पजीकृत कराया था. जिसमें कहाँ था कि वादी सौदागर पटेल पुत्र स्व० अच्छेलाल ग्राम-अकोली, थाना-घोसी, जनपद- मऊ का निवासी हैं. 18.09.2019 रात में वादी के
जीजा बेचू पटेल पुत्र स्व० रामदेव, निवासी ग्राम- गजियापुर थाना-भीमपुरा, बलिया की हत्या अज्ञात व्यक्तियों द्वारा कर दिया गया है। पूर्व में मेरे जीजा को झारखण्डे पटेल, कपलू, हरिवंश, ट्रक निवासीगण-गजियापुर जान से मारने की धमकी दिये थे। मैं अपने जीजा की मृत्यु की सूचना पर ग्राम-गजियापुर आया हूँ तथा सूचना दे रहा हूँ। उक्त तहरीर के आधार पर थाना-भीमपुरा में. उक्त तहरीर में नामजद अभियुक्तगण झारखण्डे पटेल, कपलू, हरिवंश, ट्रक के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट अन्तर्गत धारा- धारा-302 भा०द०स० मुकदमा कायम किया गया । मुकदमे का खुलासा जी०डी० कायमी (प्रदर्श क-14) के आधार पर किया गया। जिसमें सभी आरोपियों को पुलिस अपने स्तर से छोड़ते हुए दो हत्यारोपियों रामानंद राजभर व प्रीती के विरुद्ध कोर्ट में चार्ज शीट भेजा. इस मुकदमे का सुनवाई के दौरान अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश ईसी एक्ट महेश चंद वर्मा की अदालत ने दो हत्यारोपियों रामानंद राजभर व प्रीती के खिलाफ दोष साबित नहीं पाते हुए बाइज्जत बरी करने का आदेश दिया.
जबकि मामले में कोर्ट ने इस प्रकरण में कई महत्वपूर्ण तथ्यों पर विवेचना में कमी पाते हुए शासन के प्रमुख सचिव पुलिस महानिदेशक सहित कई आला अफसर को आदेश की प्रति प्रेषित करने का निर्देश दिया है. इस मामले में विवेचना के लिए समस्त विवेचना को आवश्यक निर्देश जारी करने के लिए शासन के अफसरों को कहा है.
इन बिन्दुओं पर दिये गये आदेश,ये हैं आदेश के महत्वपूर्ण अंश
निर्णय की एक-एक प्रति प्रमुख सचिव गृह, उ० प्र० सरकार, लखनऊ, महानिदेशक अभियोजन, उ०प्र०, लखनऊ तथा पुलिस महानिदेशक, उ०प्र०, लखनऊ को इस निर्णय / आदेश में की गयी उक्त विवेचना के आलोक में, हत्या जैसे गम्भीर व जघन्य अपराधों, विशेष कर जहाँ पर घटना के कोई चक्षुदर्शी साक्षी न हो, तथा अभियोजन पूर्णतः तथ्य-जन्य व वैज्ञानिक साक्ष्यों पर निर्भर हो, ऐसे मामले में अनिवार्य रूप से वैज्ञानिक साक्ष्य यथा-
1. डी.एन.ए. परीक्षण
3. रक्त-वर्ग निर्धारण परीक्षण.
3.इलेक्ट्रानिक दस्तावेजों का सुचारू व पूर्ण संकलन.
4. इलेक्ट्रानिक दस्तावेजों से संबंधित आवश्यक प्रमाण-पत्र अंतर्गत धारा-65B, भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872का संकलन.
5. अन्य संकलित इलेक्ट।निक साक्ष्यों / वस्तुओं के उपभोक्ता के पहचान से संबंधित दस्तावेजों का संकलन .
वैज्ञानिक व इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों से संबंधित साक्षियों के अनिवार्य परीक्षण, आदि के संबंध में,समस्त विवेचकगण / अभियोजकगण को आवश्यक दिश-निर्देश जारी करने हेतु अविलम्ब ई-मेल व डाक से प्रेषित किया जाय।
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