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बलिया के चार युवाओं ने यूपीएससी में परचम लहराया

बलिया : संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया है। इन परिणामों में कुल 1,016 उम्मीदवारों ने सफलता हासिल की है। UPSC देश की सबसे कठिन परीक्षा मानी जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा में बलिया के युवाओं ने भी परचम लहराया है।सफल हुए 1016 युवाओं में बलिया के जयबिंद कुमार, निवेदिता चंद्र और मोनिका श्रीवास्तव का नाम भी शामिल है। UPSC परीक्षा में मोनिका श्रीवास्तव को 455वीं, जयबिंद कुमार को परीक्षा में 557वीं और निवेदिता को 1008वीं रैंक हासिल हुई है।तीनों ही युवाओं की इस उपलब्धि पर उनके परिवार में हर्ष का माहौल है।

कुसौरा गांव निवासी जयबिन्द कुमार गुप्ता ने सनबीम वाराणसी से 12वीं तथा बीएचयू वाराणसी से बीएससी की परीक्षा अच्छे अंकों के साथ उत्तीर्ण की। इसके बाद जयबिन्द ने आईआईटी मुम्बई से भू-विज्ञान से एमएससी किया। इनके पिता जयराम गुप्ता आसाम पुलिस में हवलदार है, जबकि मां मीरा गुप्ता गृहणी है। तीन भाई व एक बहन में जयबिन्द सबसे छोटे है। जयबिंद का रूझान हमेशा सिविल सेवा परीक्षा की ओर रहा, ऐसे में उन्होंने परीक्षा की तैयारी शुरू की और दूसरे ही प्रयास में सफलता हासिल की।

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आईपीएस पद पर चयनित हुए जयबिन्द का कहना है कि कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं होता, जरूरी है उसके प्रति ईमानदारी। उन्होंने प्रतियोगियों को सुझाव दिया कि यदि आप सफल होना चाहते हैं तो आपको स्वयं के प्रति ईमानदार रहना होगा। यह जानने का एकमात्र तरीका है कि आप क्या गलत कर रहे हैं और सुधार कैसे करें। प्रतिदिन का लक्ष्य खुद अपने से निर्धारित कर लें। जब आप यह सुनिश्चित कर लेंगे कि मुझे इस विषय के इस अध्याय को पूरी तरह से मनन कर लेना है तो निश्चित ही उसपर आप एकाग्रचित होकर अपने आपको समर्पित कर पाएंगे।

इधर, जिले के खड़सरा निवासी ब्रजेश श्रीवास्तव और भारती श्रीवास्तव की बेटी मोनिका ने सफलता हासिल की है। मोनिका ने वर्ष 2022 की बीपीएससी की परीक्षा में ऑल ओवर छठीं रैंक हासिल की थी। फिलहाल उनका प्रशिक्षण चल रहा है। मोनिका के पिता आरडब्ल्यूडी में इंजीनियर हैं। उनकी तैनाती फिलहाल समस्तीपुर में है। जबकि मां भारती श्रीवास्तव औरंगाबाद में अध्यापिका हैं।

वहीं निवेदिता चंद्रा उचेड़ा गांव की रहने वाली हैं। यूपीपीसीएस- 2021 में निवेदिता का डिप्टी एसपी पद पर चयन हुआ था। फिलहाल वह प्रशिक्षण ले रही हैं। निवेदिता के पिता स्व. दीनानाथ राम समाज कल्याण अधिकारी थे। वर्ष 2019 में वे रिटायर हुए। 2021 में उनका निधन हो गया। जबकि मां पूनम बेसिक शिक्षा विभाग में प्रयागराज में अध्यापिका हैं। वर्ष 2019 में बीआईटी मेसरा से बीटेक करने के बाद निवेदिता ने उसी वर्ष दिल्ली में जाकर कोचिंग लिया। इसके बाद उनका चयन डिप्टी एसपी पद पर हो गया। यूपीएससी में उनका विषय राजनीति शास्त्र एवं इंटरनेशनल रिलेशन था। तीनों ही युवाओं की इस उपलब्धि पर उनके परिवार में हर्ष का माहौल है.

निवेदिता चंद्रा के नाना उप्र अशासकीय सहायता प्राप्त अनुसूचित प्राथमिक विद्यालय शिक्षक एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष रामहोसिला राम ने अपने नातिनी के सफलता पर खुशी जाहिर किया है. उन्होंने कहा कि शुरू से ही निवेदिता मेधावी रही है. उसकी सफलता से गांव में तैयारी करने वाले बच्चों को नई राह मिलेगी.

बलिया के आफताब ने भरी सफलता की उड़ान, 512वीं रैंक के साथ यूपीएससी में सफलता

बलिया के आफताब ने भरी सफलता की उड़ान, 512वीं रैंक के साथ यूपीएससी में सफलता

बलिया के आफताब ने बजाया डंका

बलिया: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 का परिणाम जिला मुख्यालय से सटे ईश्वरपुरा (गोठहुली) में खुशी लेकर आया है। ईश्वरपुरा निवासी मकबूल अंसारी के पुत्र आफताब आलम ने कड़ी मेहनत के बल पर जनपद का नाम रोशन किया है। सूची में 512वी रैंक है। इन्हें आईपीएस कोर मिलने की सम्भावना है।

आफताब इस कामयाबी के पीछे अपने पिता मकबूल अंसारी, माता शकीला खातून एवं भाई मोहम्मद महताब आलम को श्रेय दिया है। कहाकि आज आप सबके सपोर्ट के चलते इस कामयाबी को हासिल कर पाया हूं। इनके पिता पेशे से बिजनेसमैन है। इनकी चित्तू पांडेय के पास ओवरब्रिज के नीचे बाइक के स्पेयर पार्ट्स की दुकान है। आफताब ने बताया कि वह आठवीं तक की शिक्षा सेंट थॉमस स्कूल बलिया में ग्रहण किया। इसके बाद हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की शिक्षा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से प्राप्त किया। आईआईटी इंदौर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने के बाद आफताब ने यूपीएससी की तैयारी जामिया मिलिया इस्लामिया दिल्ली से की।

आफताब को यह सफलता दूसरे प्रयास में मिली है। वहीं, आफताब ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे परीक्षार्थियों से अपील किया कि कोई भी मुकाम हासिल करना कठिन नहीं होता है। सिर्फ अर्जुन की भांति मछली की आंख को ध्यान में रखना होगा। हताश व निराश होने की बजाय अपनी दृढ़इच्छा शक्ति को जगाकर लक्ष्य को पाने के लिए कड़ी मेहनत करें, मंजिल खुद-ब-खुद आपका कदम चूमेगी।


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