जल निगम झांसी के मुख्य अभियंता राकेश कुमार को मिली जांच
शासन ने जांच रिपोर्ट पांच अक्तूबर तक देने के लिए कहा
बलिया। जिले के जल निगम ग्रामीण में टेंडर घोटाला सामने आया है। मामले में अधिशासी अभियंता जेके गुप्ता, अजीत कुमार सिंह, अरविंद्र कुमार व वर्तमान एक्सईएन मुकीम अहमद के अलावा क्षेत्रीय लेखाकार अजीत कुमार पर प्रथम दृष्टया आरोप लगे हैं। पूरे प्रकरण की जांच के लिए जल निगम के प्रबंध निदेशक ने जल निगम झांसी के मुख्य अभियंता राकेश कुमार को नामित किया है। जांच रिपोर्ट पांच अक्तूबर तक देने के लिए कहा गया है।
जल निगम (ग्रामीण), मऊ में अधिशासी अभियंता के पद पर तैनाती के दौरान अधिशासी अभियंता जेके गुप्ता पर आरोप लगे हैं।बलिया की लखुआ पेयजल योजना के अंतर्गत निविदा समिति द्वारा योजना की स्वीकृत लागत 133.62 लाख व कार्य लागत 122.57 लाख से अधिक धनराशि 159.33 लाख (जीएसटी सहित) की स्वीकृति प्रदान की गई।
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इसके कारण विभाग पर कार्य स्वीकृति की लागत से अधिक 36.76 लाख (जीएसटी सहित) की हानि हुई।जल निगम (ग्रामीण) बलिया में अधिशासी अभियंता के पद पर तैनाती के दौरान अजीत कुमार सिंह ने 4 पेयजल योजनाओं मूनछपरा, सिवानकलां, शिवरामपुर एवं अमरहरपट्टी के निर्माण हेतु गठित अनुबंधोें के सापेक्ष ठेकेदारों द्वारा कार्य न किए जाने पर जमानती धनराशि 4,59,90,000 रुपये को जब्त न करके ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए पुन: निविदा आमंत्रित कर अनुबंध गठित करते हुए कार्य कराने का काम किया।
इसके अलावा मूनछपरा, सकरपुरा, सरयां, बहादुरपुर, मिठवार, कपुरी, शंकरपुर, टीका देउरी, मंगरौली एवं नागपुर का वैरिएशन शासनादेश व वित्तीय नियमों के विरुद्ध अनियमित रूप से संस्तुति की। जल निगम (ग्रामीण) अधिशासी अभियन्ता के पद पर कार्यरत अवधि में मुकीम अहमद ने पेयजल योजना मूनछपरा, सिवानकलां शिवरामपुर एवं अमरहरपट्टी के निर्माण हेतु गठित अनुबंधों के सापेक्ष ठेकेदारों द्वारा कार्य न किए जाने पर जमानती धनराशि 45,99,000 रुपये जब्त न कर ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए पुनः निविदा आमंत्रित कर अनुबंध गठित करते हुए कार्य कराने का काम किया है।
अधिशासी अभियंता अरविंद्र कुमार लखुआ पेयजल योजना अंतर्गत निविदा समिति द्वारा योजना की स्वीकृत लागत 133.62 लाख व कार्य लागत 122.57 लाख से अधिक धनराशि 159.33 (जीएसटी सहित) की स्वीकृति प्रदान की गई। इसके कारण विभाग पर कार्य स्वीकृति की लागत से अधिक 36.76 लाख (जीएसटी सहित) की हानि पहुंची। लेखाकार अजीत कुमार पर 91.70 लाख की अनियमितता का आरोप लगा है। कई परियोजनाओं में निविदा तक में खेल किया गया है। वित्तीय नियमों के विरुद्ध अनियमित रूप से संस्तुति करने एवं विभाग को वित्तीय क्षति पहुंचाने का आरोप है।
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