Suggestion आगे ही नही पीछे भी

आगे ही नहीं पीछे भी : हर युवा बने विवेकानंद

1893 ई. में संयुक्त राज्य अमेरिका के शिकागो नगर में आयोजित धर्म संसद में ईसाई धर्मावलंबियों की प्रभावशाली उपस्थिति के बीच भारतवासी गेरुआ वस्त्रधारी एक युवा सन्यासी का अपने कुछ मित्रों के साथ अचानक सम्मिलित होना एक चमत्कारिक घटना के रूप में चिर स्मरणीय बन गया। प्रयास करने पर जिस युवक सन्यासी को अपना व्याख्यान […]

आगे ही नही पीछे भी

आगे हीं नहीं पीछे भी… शंकराचार्य का झूठ

वेदों और उपनिषदों में प्रकृति अर्थात् भौतिक जगत, आत्मा अर्थात् विभिन्न नाम रूपों में जीवन को धारण करने वाला और सम्पूर्ण में चेतन स्वरूप में विद्यमान ब्रह्म तत्व को अनादि और अनन्त माना गया है। इनमें प्रकृति, जड़ और शेष दोनों चेतन कहे गये। प्रकृति अपने नियमों के अनुसार नाना प्रकार के आकार-प्रकार में जन्म […]

आगे ही नही पीछे भी

आगे ही नहीं पीछे भी… शंकराचार्य का सच

लगभग तीन हजार वर्ष पहले महावीर जैन का और ढाई हजार पहले गौतम बुद्ध के विचार प्रचलित हुए। दोनों ने सनातन, वैदिक और पौराणिक विश्वास परम्पराओ के समानान्तर अपने सिद्धान्त प्रतिपादित किये, जिन्हे जैन धर्म और बौद्ध धर्म कहा जाने लगा। इन दोनों में ईश्वर स्वर्ग-नरक और दैवीय कृपा से मानवीय समस्याओ का हल ढूढ़ने की […]