बलिया। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया द्वारा आयोजित पाँच दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला के दूसरे दिन के प्रथम सत्र में इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय के पूर्व संकायाध्यक्ष प्रो के एस मिश्रा ने कहा कि प्रत्यय मानचित्र कौशल शिक्षक के शिक्षण व्यवहार का एक महत्व पूर्ण घटक है। प्रत्यय मानचित्र निर्माण के लिए मुख्य प्रत्ययों की पहचान, प्रत्ययों को क्रम में रखना, प्रत्ययों को संयोजी रेखा से जोड़ना आदि पद का प्रयोग किया जाता है। प्रत्यय मानचित्र का उपयोग अधिगम संगठक के रूप में, अधिगम का पता लगाने के लिए, प्रबलन के लिए, भ्रांतियों की पहचान तथा विचार सृजन के लिए किया जाता है।
दूसरे सत्र में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय के प्रोफेसर नागेंद्र कुमार ने समस्या समाधान कौशल के पद की चर्चा करते हुए कहा कि समस्या निर्धारण, वैकल्पिक समाधान खोजना, वैकल्पिक समाधान का मूल्यांकन करना तथा समस्या समाधान को लागू करना होता है। उन्होंने समस्या समाधान कौशल के घटक यथा विश्लेषणात्मक योग्यता, रचनात्मक सोच, तार्किक चिंतन तथा पहल जन्य व्यवहार को विश्लेषित किया। तृतीय सत्र में इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय नई दिल्ली की प्रो सरोज पांडेय ने संप्रेषण कौशल को स्पष्ट करते हुए कहा कि शिक्षक में यह गुण होना चाहिए कि वह अपने विचार को अपने छात्र तक पहुँचा सकें। संप्रेषण कौशल के तीन स्तंभ तैयारी, अभ्यास एवं प्रदर्शन हैं। कार्यशाला में विश्वविद्यालय परिसर के समस्त प्रध्यपकों के साथ ही डॉ संजीत सिंह, डॉ मुनेन्द्र पाल, डॉ राम तिरथ, डॉ ददन सिंह ने सक्रिय सहभागिता की। उल्लेखनीय है कि यह कार्यशाला उ प्र उच्च शिक्षा परिषद के द्वारा स्थापित उत्कृष्टता केंद्र, जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय द्वारा संचालित है। कार्यशाला का संचालन उत्कृष्टता केंद्र के समन्वयक डॉ रमाकान्त सिंह ने किया।
Enjoy Live Vivid Bharti Click here for more live radio
Advertisement 7007809707 for Ad Booking
Enjoy Live Mirchi Top 20 Click here for more live radio
Advertisement 9768741972 for Hosting Service
Enjoy Live Bhojpuri Songs Click here for more live radio
कृपया हमारे वेबसाइट को आगे बढ़ाने के लिए डोनेट करें Please donate to support our work
Nice Program