लोकसभा क़ी 542 सीटों के लिए वोटों की गिनती (Lok Sabha Election Result 2024) हो चुकी है. मतगणना के मुताबिक NDA को 292 सीटें मिली हैं. वहीं, बीजेपी को 240 सीटें मिली हैं. अब सवाल है कि बीजेपी के लिए उनके सहयोगी दल कितने अहम होंगे. सरकार बनाने में नीतीश कुमार की जेडीयू, आरएलडी की जयंत चौधरी, चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी का अहम रोल होगा. हालांकि आज दोनों गठबंधन के नेता अगली रणनीति पार चर्चा के लिए मीटिंग करने वाले हैं.
एनडीए के लिए नीतीश कुमार कितना अहम?
बिहार में भी बीजेपी 2019 के मुकाबले पिछड़ गई है, हालांकि जेडीयू ने यहां अच्छा प्रदर्शन किया है. बिहार में एनडीए गठबंधन में बीजेपी की सीटें फंस गई हैं. जेडीयू जहां लड़े 16 में से 14 सीटों पर आगे चल रही है. वहीं बीजेपी सिर्फ 9 सीटों पर बढ़त बनाती दिख रही है. बीजेपी ने बिहार में 17 सीटों पर चुनाव लड़ा था.
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TDP का बेहतर प्रदर्शन, NDA में बढ़ेगा चंद्रबाबू नायडू का कद
चंद्रबाबू नायडू की TDP ने लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया है. पार्टी कुल 25 में से 16 सीट पर आगे है, वहीं उसकी सहयोगी भाजपा और जनसेना पार्टी क्रमश 3 और दो सीट पर आगे हैं. अब NDA सरकार में TDP को अहम सहयोगी के तौर पर देखा जएगा और यह भी साफ है कि मंत्रिमंडल के गठन में भी अहम रोल होगा.
चिराग का भी पलड़ा भारी!
बिहार में भाजपा 17 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और वह 9 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि, जेडीयू ने 16 सीटों पर चुनाव लड़ा था, वह 13 सीटों पर आगे चल रही है. इसके अलावा चिराग पासवान की पार्टी अपनी पांचों सीटों पर बढ़त बनाए हुए है.
उत्तर प्रदेश की राजनीतिक बड़ी भूमिका निभाने वाले जयंत चौधरी की पार्टी RLD को 2 सीटों पर जीत मिल सकती है. भाजपा उम्मीदवार 35 सीट पर और सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल दो सीट पर बढ़त बनाये हुए है. ऐसे में RLD को भी NDA में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.
बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटों पर मतगणना जारी है. शुरुआती रुझानों में एनडीए में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने अपने कोटे में आई सभी सीटों पर बढ़त बना ली है. चिराग पासवान की पार्टी अपनी सभी पांचों सीटों पर लीड कर रही है. ऐसे में चिराग पासवान भी एनडीए के अहम साथी के तौर पर देखे जा रहे हैं.
नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन को छोड़कर एनडीए में शामिल हुए और लोकसभा चुनाव साथ लड़े. हालांकि, नीतीश कुमार को विश्वसनीय साथी के तौर पर नहीं देख जा सकता है, क्योंकि वह कई बार अपना पलड़ा बदल चुके हैं.बीजेपी को कई हिंदी भाषी राज्यों में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ दक्षिण के राज्य कर्नाटक में जहां भाजपा मजबूत स्थिति में थी, वहां भी उसे नुकसान होता नजर आ रहा है. जिन राज्यों में भाजपा नीत एनडीए को नुकसान हो रहा है, उसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, हरियाणा जैसे राज्य शामिल हैं.इस सबमें सबसे ज्यादा झटका भाजपा को यूपी में लगता हुआ नजर आ रहा है. यहां की 80 सीटों में भाजपा ने 2014 में 71 और 2019 में 62 सीटें जीती थी. लेकिन, इस बार भाजपा यहां 33 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि, भाजपा ने यहां 75 सीटों पर चुनाव लड़ा था.
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