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भृगुनगरी व बागी बलिया के मॉडल रेलवे पर भ्रष्टाचार का बोलबाला, अफसरों कि नहीं खुल रही कुम्भकर्णी निद्रा

43 करोड़ रुपये में चल रहे सुंदरीकरण, यात्री सुविधाओं का पुरसाहाल


बलिया। भृगुनगरी व बागी बलिया के मॉडल रेलवे स्टेशन पर 43 करोड़ रुपये में चल रहे सुंदरीकरण एवं यात्री सुविधाओं के विस्तारिकरण कार्य की गुणवत्ता पर अब सवाल उठने शुरू हो चुके हैं। एक दिन पहले स्टेशन के गुंबद का छज्जा टूटा था। अब सामने आ रहा है कि दो माह पूर्व सर्कुलेटिंग एरिया में फर्श की ढलाई की गई थी, जो उखड़ने लगी है. इसके बाद लोगों में चर्चा होने लगी है कि सफेदपोश नेताओं का ही ठेका है. जिससे इन लापरवाही के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं कि जा रही हैं.


मॉडल रेलवे स्टेशन भवन 119 वर्ष पुराना बताया जाता है। बिना जांच पड़ताल के भवन के बाहरी दीवारों पर धौलपुर का पत्थर लगा तो दिया गया। भार सहन न कर पाने के कारण धीरे-धीरे वे पत्थर गिर रहे है। हालत देखने से लग रहा है कि अब यह मॉडल स्टेशन को अमृत महोत्सव के तहत 43 करोड़ देकर सुंदरीकरण का प्रयास चल रहा है वह ज्यादे दिन तक   टिक नहीं पाएगा। सात वर्ष पूर्व स्टेशन पर लाखों रुपया खर्च कर प्लेटफार्म पर पत्थर लगाया गया। कमरों का सुंदरीकरण हुआ जो दो वर्ष भी नहीं चल सका। फिर से उसे तोड़कर अब पीवीसी से सजावट की गई है।

Block Your Lost / Stolen Mobile Phone Visit CEIR
Report Suspected Fraud Communication Visit CHAKSHU
Know Your Mobile Connections Visit TAFCOP

वहीं, प्लेटफार्म पर पत्थर की जगह टाइल्स लगाई गई। मनमाने तरीके से मिले पैसों को खर्च किया। लाखों रुपये में तैयार परिचालन कक्ष भवन निर्माण के बाद पहली बरसात में ही उसकी छत टपकने लगी. यह क्यों हो रहा है. इस मुद्दे पर कोई बोलने वाला नहीं है. बस उस चोरी को हजम करने में अफसरों से लेकर जनप्रतिनिधि तक जूटे है. सबसे बड़ी बात सरकारी धन के बंदरबाट पर निगाह है. ए ठेका करने वाले भी सफेदपोश नेताओं के कही न कहीं अतिप्रिय है. जिनपर कार्रवाई कि जगह उन्हें संरक्षण देने का काम रेल प्रशासन ही कर रहा है.


स्टेशन परिसर में चल रहे निर्माण व सुंदरीकरण कार्य की निगरानी न होने से काम करने वाली एजेंसियां पूरी तरह से लापरवाह बनी हैं। इससे फुटब्रिज, यात्री शेड, सुंदरीकरण सहित कई कार्य तीन माह से एक वर्ष विलंब से चल रहा है। निर्माण कार्यों में अनियमितिता की हालत यह है कि दो माह पूर्व सर्कुलेटिंग एरिया में फर्श की ढ़लाई की गई थी। मानक के अनुरूप मैटेरियल न देने के कारण कई स्थानों पर दो माह में ही फर्श उखड़ने लगी। अधिकारियों की फटकार पर काम करने वाली एजेंसी ने आनन फानन में फर्श तोड़कर फिर से ढ़लाई कराई।-पांच लाख में बना डीलक्स शौचालय दो माह भी नहीं चला. सुंदरीकरण के नाम पर यात्री विश्रामालय का शौचालय तोड़कर टिकट घर के पास पांच लाख में डीलक्स शौचालय का निर्माण हुआ था। निर्माण में अनियमितिता बरतने के कारण दो माह भी शौचालय काम नहीं कर सका। शौचालय का सेफ्टी टैंक लीक होने के कारण गंदा पानी एनएच पर बहने लगा। उसके पीछे नया शौचालय बनाया गया है, तीन माह बाद भी शौचालय चालू नहीं हो सका।

यात्रियों को झाड़ियों व कर्मचारी आवासों के पीछे शौच को जाने को मजबूर है। सबसे ज्यादा परेशानी महिला यात्रियों को हो रही है। उसके बावजूद रेलवे को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है.
स्टेशन परिसर में चल रहे निर्माण कार्यों पर समय समय पर अधिकारियों द्वारा निरीक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया जाता है। खराब कार्य पर उसे तोड़वाकर फिर से कराया जाताl

Ashok kumar PRO

DRM, VARANASI,office


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