नववर्ष के पहले दिन नगर की सड़कों पर निकल भव्य कलश शोभायात्रा
बलिया। नववर्ष के पहले दिन माथे पर कलश लेकर एक साथ पीत वस्त्रधारी हजारों महिला व पुरूष श्रद्धालु माथे पर कलश लेकर शहर में निकले तो महर्षि भृगु की नगरी का रोम-रोम रोमांचित हो उठा। नगर में शंखनाद के साथ ही ढोल-ताशा, बैंड बाजा व आकर्षक झांकियों के साथ गायत्री मंत्र की धुन पर श्रद्धालुओं ने पूरे नगर का भ्रमण किया। इस दौरान भृगु की नगरी पूरी तरह से भक्तिमय हो गई।
शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में मां गायत्री के प्राण प्रतिष्ठा के वार्षिकोत्सव पर एक से चार जनवरी तक होने वाले 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के लिए शनिवार को नगर के महावीर घाट स्थित गायत्री शक्तिपीठ परिसर से भव्य कलशयात्रा निकाली गयी। जो विभिन्न मार्गों से होते हुए यात्रा भृगुमंदिर में पहुंची। वहां हरिद्वार से आए विद्वान आचार्यों ने वैदिक मंत्रोच्चार से देवी-देवताओं के आह्वान पर कलश पूजन कर जल भरवाया।
इससे पहले जिले भर के हजारों की संख्या में श्रद्धालु भोर में ही गायत्री शक्तिपीठ परिसर में पहुंच गये। शक्तिपीठ प्रमुख विजेंद्र नाथ चौबे ने मुख्य अतिथि नगर कोतवाल बालमुकुंद मिश्र व बिचलाघाट चौकी इंचार्ज अमरजीत यादव को तिलक लगाकर स्वागत किया। विश्व कल्याण की कामना के साथ मुख्य अतिथि ने ध्वजारोहण किया। उसके बाद आगे-आगे नौ कन्याएं पीतल का कलश लिए आगे बढ़ीं। गायत्री माता व शिव-पार्वती रुप में रथ पर बैठी कन्याओं ने सबको मुग्ध कर दिया। चमन सिंह बाग रोड होते लोहापट्टी, चौक-सिनेमा रोड, हनुमान मंदिर, बालेश्वर मंदिर से नया चौक, चित्रगुप्त रोड से भृगु मंदिर पहुंची। वहां देव संस्कृत विश्वविद्यालय शान्तिकुंज हरिद्वार के एसोसिएट प्रोफेसर डा. गायत्री किशोर त्रिवेदी, दिनेश पटेल, दयानंद शिववंशी, संगीत के आचार्य श्रीहरि चौधरी, मनीष व भूषण ने देव आह्वान कर कलश-पूजन किया। वहां से एससी कालेज, मालगोदाम, रेलवे स्टेशन, गुदरी बाजार होकर गायत्री शक्तिपीठ पहुंचा। कलशयात्रा में शामिल श्रद्धालुओं पर मार्गों पर जगह-जगह फूल बरसाए। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस मुश्तैद रही। नगर भ्रमण के दौरान पीठ भ पीत वस्त्रधारी महिलाओं व श्रद्धालुओं को देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी।
Report Suspected Fraud Communication Visit CHAKSHU
Know Your Mobile Connections Visit TAFCOP
मनुष्य में देवत्य का हो उदय: गायत्री त्रिवेदी
बलिया। गायत्री माता के प्राण प्रतिष्ठा वार्षिकोत्सव के अवसर पर 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के दौरान शनिवार की शाम देव संस्कृत विश्वविद्यालय शान्तिकुञ्ज हरिद्वार के एसोसिएट प्रोफेसर डा. गायत्री किशोर त्रिवेदी ने कहा कि गायत्री परिवार के जनक पं.श्रीराम शर्मा आचार्य जी का एक मात्र उद्देश्य था कि मनुष्य में देवत्व का उदय हो और धरती पर खुशहाली आये।इस लिए संपूर्ण देश में नूतन वर्ष पर गृहे-गृहे यज्ञ व गायत्री उपासना का आन्दोलन चलाया। गुरुदेव का मानना है कि आज समाज में जितनी भी विपन्नता, असमानता है उन सबका निदान गायत्री यज्ञ से ही संभव है। बताया कि हमारे धर्म ग्रंथों में गायत्री को सदबुद्धि का देवी कहा गया है और यज्ञ को सत्कर्म का स्वरूप बतलाया गया है। संसार में जितना ही श्रेष्ठ कर्म है वह यज्ञ से ही संपादित होते ऐसा हमारे वेदों में कहा गया है। यज्ञों वै श्रेष्ठ तमं, कर्म अर्थात यज्ञ हमे सतकर्म करने की प्रेरणा देता है। इस दौरान हरिद्वार की टोली में आये संगीत के आचार्य श्रीहरि चौधरी, दिनेश पटेल,दयानंद शिववंशी, मनीष जी व भूषण जी सराहनीय योगदान दिया।
Enjoy Live Vivid Bharti Click here for more live radio
Advertisement 7007809707 for Ad Booking
Enjoy Live Mirchi Top 20 Click here for more live radio
Advertisement 9768741972 for Hosting Service
Enjoy Live Bhojpuri Songs Click here for more live radio
कृपया हमारे वेबसाइट को आगे बढ़ाने के लिए डोनेट करें Please donate to support our work