महाशिवरात्रि को गौरी शंकर की शादी के रूप में भी मनाया जाता है और इसे शिव और शक्ति के मिलन का एक महान पर्व माना जाता है।
गरुड़ पुराण, स्कन्द पुराण, पद्मपुराण और अग्निपुराण आदि में शिवरात्रि का वर्णन मिलता है। 8 मार्च को महाशिवरात्रि पर जो दुर्लभ संयोग बन रहे हैं, वह किन राशियों को जबरदस्त लाभ देने वाले हैं, उनका जिक्र करते हैं-
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देवाधिदेव की भक्ति में डूबी भृगुनगरी, चाहूंओर ‘हर हर महादेव’
बलिया : महाशिवरात्रि के अवसर पर शुक्रवार को जनपद में चहुंओर हर-हर महादेव की गूंज रही। बाबा बालेश्वर नाथ मंदिर में जलाभिषेक के लिए भोर से देर शाम तक शिवभक्तों का तांता लगा रहा। पुलिस प्रशासन कि तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पर्व धूमधाम से महाशिवरात्रि का पर्व मनाया गया। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों में उत्साह छाया रहा। शाम के समय नगर के बाबा बालेश्वर नाथ मंदिर से गाजे बाजे के साथ भव्य शिव बारात निकाली गई. जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु भक्तों ने भाग लिया इस दौरान गैर जनपद से आए कलाकारों ने देशभक्ति प्रस्तुति देकर सभी लोगों को मंत्र मुक्त कर दिया नगर में शिव बारात के भ्रमण के बाद पुनः मंदिर परिसर पहुंचकर शिव विवाह कार्यक्रम डेढ़ साल शुरू किया गया जहां महिलाओं ने मंगल गीत भी गए.
नगर स्थित बाबा बालेश्वरनाथ मंदिर में आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। यहां मंदिर के बाहर तक बैरिकेडिग की गई थी। पुलिस के जवान सुरक्षा व्यवस्था में भोर से ही लगे रहे। यहां महिला व पुरुषों के लिए अलग-अलग रास्ते बनाए गए थे। भोर से ही लोग लंबी कतार में लग गए.वक्त नगर के बाबा बालेश्वर नाथ मंदिर से गाजे बाजे के साथ भव्य शिव बारात निकाली गई. जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु भक्तों ने भाग लिया. इस दौरान गैर जनपद से आए कलाकारों ने देशभक्ति प्रस्तुति देकर सभी लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया नगर में शिव बारात के भ्रमण के बाद पुनः मंदिर परिसर पहुंचकर शिव विवाह कार्यक्रम देरशाम शुरू किया गया. जहां महिलाओं ने शिव विवाह के मंगल गीत भी गए.
उधर, देवकली स्थित देवकुलेश्वर शिव मंदिर में भी श्रद्धालु भक्तों का सुबह से ताँता लग गया. शिव भोले के भक्तों ने प्रसाद में भांग धतूरा बिल्व पत्र आदि चढ़कर शिव भोले को प्रसन्न करने की कोशिश की. इस दौरान बाबा अवनिनाथ मंदिर असेगा में भी श्रद्धालु भक्तों का ताँता अहले सुबह से लग गया. श्रद्धालु नर नारियों ने भोले को प्रसाद भांग धतूरा बिल्व पत्र आदि चढ़ाकर लोकमंगल की कामना की.
शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि महाशिवरात्रि दिन से ही सृष्टि का प्रारंभ हुआ था। ऐसी भी मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंग प्रकट हुए थे। ये सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग, महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, केदारनाथ ज्योतिर्लिंग, भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग, त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग, नागेश्वर ज्योतिर्लिंग, रामेश्वर ज्योतिर्लिंग और घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग हैं.
उधर, शहर से सटे निधरिया गांव के शिव मंदिर पर महाशिवरात्रि के अवसर पर लोगों के आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा. चहुंओर हर-हर महादेव की गूंज रही। जलाभिषेक के लिए शिवालयों में भोर से देर शाम तक शिवभक्तों का तांता लगा रहा। तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पर्व धूमधाम से मनाया गया. श्रद्धालु भक्तों ने बेलपत्र, भाँग, धतुरा आदि चढ़ाकर मन्नते मांगी, साथ ही विश्व कल्याण कि कामना किया. इस मंदिर से शाम कों भव्य शिव बारात भी निकाली गयी.शाम के वक्त नगर के बाबा निधेश्वर नाथ मंदिर से गाजे बाजे के साथ भव्य शिव बारात निकाली गई. जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु भक्तों ने भाग लिया.शिव बारात के भ्रमण के बाद पुनः मंदिर परिसर पहुंचकर शिव विवाह कार्यक्रम देरसाम शुरू किया गया. जहां महिलाओं ने शिव विवाह के मंगल गीत भी गए.
चितबड़ागांव के कारो स्थित कारोधाम के कामेश्वर शिव मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालु भक्तों का ताँता लगा रहा. इस दौरान पूजन अर्चन के साथही श्रद्धालु भक्तों ने भगवान भोले शंकर का जलाभिषेक हुआ दुग्धाभिषेक किया. साथ ही बिल्वपत्र, भांग, धतूरा, आदि चढ़कर लोक कल्याण की कामना की.
रसड़ा : नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र के शिव मंदिरों पर जलाभिषेक व पूजन-अर्चन के लिए आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। भक्त लखनेश्वर धाम के तमसा तट से जल भरकर रसड़ा के विभिन्न शिव मंदिरों पर पूजा-अर्चन करते हुए बालेश्वर मंदिर बलिया के लिए रवाना हुए। इस दौरान शिव भक्तों द्वारा भगवान शिवशंकर के जयकारों से छोटी काशी गुंजयमान हो उठी। श्रीनाथ शिवमंदिर, श्री अमली बाबा मंदिर, श्री जंगली बाबा मंदिर जाम, प्यारेलाल चौराहा, रेलवे स्टेशन स्थित शिव मंदिरों पर श्रद्धालुओं का सैलाब देखने को मिला। श्रद्धालुओं ने लोकमंगल की कामना की.वहीं कुकुरहां के बाबा तिलेश्वरनाथ धाम पर श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही। भीड़ को देखते हुए पुलिस के जवान तैनात रहे। छात्र व छात्राओं की टोली भक्तों को दर्शन कराने में सहयोग करती रही। नागेश्वर नाथ मंदिर ताखा,चंडेश्वर धाम सलेमपुर पर भी जलाभिषेक कर लोकमंगल की कामना की गई। रामजानकी मंदिर में अखंड हरिकीर्तन का शुभारंभ–रेवती : बड़ी बाजार शिवाला, मठिया बाजार, मां दुर्गा स्थान, उत्तर टोला बुढ़वा शिव मंदिर, दह तीरे महादेव स्थान पर बड़ी संख्या में लोगों ने शिवलिग का जलाभिषेक के साथ पूजन किया ।
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