अब भी जाम के जाम से जूझ रहे हैं नगर के लोग
बलिया। नगर में बेपटरी हो चुकी यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए जिला व पुलिस प्रशासन के आला अफसरों ने कई बार प्लान बनाया, लेकिन हर बार व्यवस्था पूरी तरह से फेल ही साबित हुई। ऐसे में जिला व पुलिस प्रशासन के अफसरों ने नगरवासियों को जाम से जूझने के लिए हर बार अपने हाल पर छोड़ दिया।वर्तमान परिवेश में भी यातायात व्यवस्था पूरी तरह से बेपटरी हो चुकी है।
यातायात माह एवं इसके करीब आठ माह पहले भी तत्कालीन पुलिस अधीक्षक डॉ. विपिन ताडा ने पहले लोगों से सुझाव मांगा और फिर जाम से स्थाई मुक्ति के लिए शहर में वन-वे व्यवस्था लागू की थी और उसके अनुपालन के लिए समय-समय पर सड़कों पर वे खुद भी उतरते रहे, लेकिन उनके स्थानांतरण के साथ ही पूरी व्यवस्था औंधे मुंह गिर पड़ी है। अब तो नगर में हर एक घंटे पर जाम लगता है।
इसके पूर्व भी कई बार ई-रिक्शा की नंबरिंग व रुट का निर्धारण हुआ था, लेकिन वह भी बेनतीजा रहा। लबोलुबाब यह है कि हर बार यातायात पुलिस ट्रैफिक प्लान बनाती है, जो बाद में कागज में ही सिमटकर रह जाता है और शहर के लिए नासूर बनीं जाम की समस्या जस की तस बनीं रहती है। वैसे तो हाल ही नवंबर माह में समाप्त हुए यातायात माह के दौरान ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करने के दावे भी किए गए। करीब छह माह पहले व्यापारियों, आम जनता और बुद्धिजीवियों से शहर का यातायात सुधारने के लिए सुझाव लेकर शहर का ट्रैफिक प्लान धरातल पर उतारने की बात भी कही गई थी। जिले के कई कस्बों से भी सुझाव पुलिस के पास आए। इससे लोगों को जाम की समस्या से निजात पाने की उम्मीद जागी थी, लेकिन पूरा ट्रैफिक प्लान कागज में सिमट कर रह गया है।
Report Suspected Fraud Communication Visit CHAKSHU
Know Your Mobile Connections Visit TAFCOP
ई-रिक्शा, ऑटो, निजी बसों पर रोक-टोक नहीं
शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने का प्लान तैयार करने वाले जिम्मेदारों की लचर कार्यशैली के कारण स्टेशन रोड पर जाम की समस्या से लोगों को जूझना पड़ रहा है। ई-रिक्शा, ऑटो व निजी बसों पर रोक टोक न होने के कारण जहां चाहें वहां सवारी उतारते और चढ़ाते हैं। बस स्टेशन की स्थिति यह है कि निजी बसों के अलावा ई रिक्शा और ऑटो चालकों की मनमानी से जाम की समस्या उत्पन्न हो रही है। जाम की समस्या से निजात दिलाने के कई बार वाहन पार्किंग का प्लान तैयार किया गया। यहां तक कुछ जगहों का स्थलीय निरीक्षण भी आला अफसरों ने किया लेकिन अभी तक व्यवस्था नहीं हो पाई है।
दो उपनिरीक्षक और 100 जवान लगे है यातायात व्यवस्था में
शहर का जाम से मुक्ति दिलाने के लिए पुलिस अधीक्षक राजकरन नैय्यर ने दो उपनिरीक्षकों को तैनात कर रखा है । इसमें यातायात प्रभारी विश्वदीप को दक्षिणी और उत्तरी क्षेत्र की कमान अबुशाद अहमद को जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन इन दिनों विश्वदीप सिंह को दोनेे क्षेत्रों में जाम समाप्त कराने के लिए दोहरी मशक्कत करनी पड़ रही है। इसके अलावा 25 पुलिस के जवान, 50 होमगार्डस और पीआरडी के 20 जवानों को भी नगर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु रुप से संचालित करने के लिए नियुक्त किया गया है। फिर भी जाम से मुक्ति मिल पाना संभव नहीं दिख रहा है।
बिना बाईपास जाम के झाम से नहीं मिल सकेगी मुक्ति
शहर में केवल एक मुख्य मार्ग एनएच-31 है। इसी पर छपरा, बक्सर, मऊ, गाजीपुर, आजमगढ़ के अलावा देश के अन्य शहरों में जाने वाले वाहनों का दबाव रहता है। जब तक शहर के बाहर बाईपास मार्ग का निर्माण नहीं होगा, तब तक जाम की समस्या बनीं रहेगी।
ट्रैफिक प्लान बनाया गया है। लोगों ने यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए सुझाव भी दिए हैं। कुछ सुझावों पर अमल करते हुए ई-रिक्शा वालों के लिए रुट निर्धारित किया गया है। इस बार रुट निर्धारण का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कठोर कारवाई की जाएगी।
विश्वदीप सिंह, यातायात प्रभारी, बलिया
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