बलिया। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित महिला सशक्तिकरण विषय पर विधिक साक्षरता एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन गुरुवार को गंगा बहुद्देशीय सभागार में हुआ। ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ ज़िला जज अशोक कुमार सप्तम, कुलपति प्रो.संजीत गुप्ता व सीजेएम शांभवी यादव ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम में मौजूद महिलाओं को उनके अधिकार की जानकारी दी गई। यह भी बताया गया कि कैसे अपने अधिकार के ज़रिए ख़ुद को सुरक्षित व सशक्त बना सकती हैं।
मुख्य अतिथि ज़िलाधिकारी रवींद्र कुमार ने कहा कि नारी शक्ति को और सशक्त बनाने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। मिशन शक्ति के चौथे चरण की शुरुआत हाल ही में मुख्यमन्त्री जी ने की है। आर्थिक व सामाजिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने का अवसर दिया। हर विभाग में बेहतर कार्य करने वाली महिलाओं को आगे लाया गया, ताकि वे अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन सकें। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में महिलाओं की तरफ़ आँख उठाकर देखने की हिम्मत कोई नहीं कर सकता।
Report Suspected Fraud Communication Visit CHAKSHU
Know Your Mobile Connections Visit TAFCOP
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने भी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर जारी स्लोगन के ज़रिए यह संदेश दिया कि महिलाओं की बेहतरी के लिए काम होगा तो हमारी प्रगति भी हर क्षेत्र में बढ़ेगी। ज़िला जज अशोक कुमार सप्तम ने कहा, हमारा उद्देश्य सिर्फ़ इतना है कि महिलाएँ हर क्षेत्र में सशक्त हो। विधिक साक्षरता शिविर लगाकर हर महिला को उनके अधिकार की जानकारी देने का प्रयास प्राधिकरण करता है, ताकि हर महिला आत्मनिर्भर हो और समाज में सर उठाकर जी सकें।
चंद्रशेखर विवि के कुलपति प्रो. संजीत गुप्ता ने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण का आम जन के बीच जाकर सुनने का प्रयास करना, आम जनता को विधिक जानकारी देना सराहनीय कदम है। नारी शक्ति को आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक रूप से सशक्त बनाने पर बल दिया। मुख्य वक्ता के रूप में आयीं महिला मनोवैज्ञानिक सलाहकार नीरू माथुर भटनागर ने महिलाओं से संवाद किया और उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनने के अहम टिप्स दिए। कार्यक्रम में एडीजे सुरेंद्र प्रसाद, एडीजे प्रथम हुसैन अहमद अंसारी, सीजेएम शांभवी यादव, सिविल जज (सीनियर डिवीज़न) सर्वेश मिश्रा, एसीजेएम तपस्या त्रिपाठी, एसीजेएम द्वितीय कविता तिवारी, डीपीएम आरबी यादव सहित अन्य न्यायिक अधिकारी मौजूद थे।
इस मौके पर एडीजे हुसैन अहमद अंसारी, सीजेएम शांभवी यादव, सिविल जज (सीनियर डिवीज़न) सर्वेश मिश्रा, एसीजेएम तपस्या त्रिपाठी, एसीजेएम द्वितीय कविता तिवारी, डीपीएम आरबी यादव सहित अन्य न्यायिक अधिकारी मौजूद थे।अमेरिका व दिल्ली से जुड़ीं वक्ताअमेरिका से वर्चुअल रूप में जुड़ीं डा सुरभि पांडेय ने सभागार में मौजूद महिलाओं से संवाद किया। कहा कि हम सबको ऐसा भारत का सपना देखना है, जहां महिला पुरुष में कोई अंतर ना हो। वर्चुअल रूप से ही सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि महिलाएँ लॉयबिल्टी नहीं, बल्कि एसेट्स हैं। भारत की बेटियां अब पहले की तरह नहीं रही। निश्चित रूप से बेटियों और महिलाओं में जागरूकता आयी है और उसका असर भी भारत में दिख रहा है। ग्रामीण क्षेत्र कि महिलाओं के बीच विधिक जागरुकता ज़्यादा से ज़्यादा फैलाने पर ज़ोर दिया। इसके अलावा डॉ. शिक्षा चावला के एक वीडियो के ज़रिए महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर के लक्षण व उससे बचाव के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यक्रम में महिला अधिवक्ताओं को सम्मानित भी किया गया। जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय व कैस्टरब्रिज की छात्राओं में महिला जागरूकता पर आधारित शानदार नाटक व अन्य कार्यक्रम प्रस्तुत कर सबको प्रभावित किया।
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