दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और इस सिलसिले में एक ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित रिमांड आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई.
दिल्ली शराब घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और इस सिलसिले में एक ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित रिमांड आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल और ईडी की तरफ से दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला 4 बजे तक के लिए सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट ने कहा है कि वह आदेश वेबसाइट पर अपलोड़ होगा. बताया जा रहा है कि केजरीवाल को अंतरिम राहत देने की मांग वाली याचिका पर हाईकोर्ट का आदेश 4.30 से 4.45 के बीच अपलोड हो जाएगा.
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हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा की पीठ ने अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह कहा कि हमने शनिवार को जल्द सुनवाई के लिए याचिका दाखिल की थी. रजिस्ट्री ने कहा था कि आज सबसे पहले ये सुना जाएगा. इस देरी से हमें बहुत नुक़सान होगा. इस पर ईडी की तरफ से कोर्ट में पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल राजू ने कहा कि इन्होंने शनिवार को याचिका फाइल की है. हमने रविवार और सोमवार को मेल के जरिए इनसे कॉपी मांगी है. इन्होंने जवाब नहीं दिया और कल ही हमें कॉपी मिली है. वहीं ईडी की तरफ से एएसजी एसवी राजू ने दलील दी.
ईडी के वकील जब बहस शुरू करने वाले थे इस बीच केजरीवाल की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई ने भी दलील देना चाहा तो राजू ने इसका विरोध किया. वह बोले कि अगर ऐसा होगा तो ईडी के लिए भी दस वकील आ जाएंगे. कोर्ट ने भी कहा कि अभी पहले ईडी को सुनेंगे. देसाई चाहे तो अपना नोट लिखकर दे सकते हैं. ईडी की ओर से एएसजी राजू ने कहा कि मुख्य याचिका के साथ साथ वो अंतरिम याचिका पर भी जवाब दाखिल करने का समय चाहते हैं. अगर उन्हें जवाब दाखिल करने का समय नहीं दिया जाता तो सुना भी ना जाए. उन्हें जवाब देने के लिए समय दिए जाने के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है.
सिंघवी ने कोर्ट में दी ये दलीलें
केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में दलील दी कि जिस 45 करोड़ के किक बैक के इस्तेमाल का आरोप ईडी ने केजरीवाल पर लगाया है. इस दावे को सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए नकार दिया था. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यवश ईडी ही संबंधित अपराध का सुपर जांचकर्ता है. ये उस अपराध की जांच कर रहे हैं, जिसकी जांच सीबीआई कर रही है जबकि केजरीवाल पर अप्रत्यक्ष रूप से आरोप लगाए जा रहे हैं. सिंघवी ने आगे कहा कि यह ऐसा मामला है जिसमें लोकतंत्र की बात हो रही है. बुनियादी ढांचे की बात हो रही है. सभी को समान अवसर देने की बात हो रही है. अगर गिरफ्तारी अवैध है तो एक दिन भी बहुत ज्यादा है. ईडी दिन-ब-दिन समय मांगकर अपना उद्देश्य पूरा कर रही है.
केजरीवाल की ओर से सिंघवी ने सरकारी गवाह बने लोगों के बयान की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किया. सिंघवी ने कहा कि इस केस में आरोपी सरकारी गवाह बनने के लिए तैयार हो जाता है. ईडी इस मनमाफिक बयान की एवज में उसकी जमानत अर्जी का विरोध नहीं करती है, ताकि उसे जमानत मिल सके. केजरीवाल ईडी से प्रश्नावली की मांग कर रहे थे, वो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेश होने को तैयार थे. गिरफ्तारी की जरूरत क्या थी? गिरफ्तारी कर ED ने क्या हासिल किया? उन्होंने अपनी दलील के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसलों का हवाला दिया.
ईडी ने बहस के दौरान क्या कहा?
ईडी का कहना है कि मैं जांच में सहयोग नहीं दे रहा है. ये दलील औचित्यहीन है. मुझे मेरे खिलाफ बयान देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता. ये मेरा अधिकार है और आप मुझे मेरे ही खिलाफ गवाही देने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं. ईडी की ओर पेश हुए ASG एसवी राजू ने कहा कि मुझे मुख्य मांग ही नहीं, अंतरिम राहत की मांग पर भी जवाब दाखिल करने के लिए वक्त मिलना चाहिए. अगर मुझे जवाब दाखिल करने के लिए भी वक्त नहीं मिल रहा, तो फिर मेरी दलीलों की भी जरूरत क्या है.
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