Ballia Breaking News Delhi Maharashtra National Prayagraj UP Bihar

आजादी के 75 साल बाद भी, लड़ रहे विकास की जंग

एक नवम्बर बलिया जिले का स्थापना दिवस पर विशेष

बलिया। बलिया जनपद स्थापना का 142 वां वर्ष है। जिले की स्थापना ब्रिटिश सरकार ने एक नवम्बर 1879 को की थी। जिसे हम बलिया का स्थापना दिवस के रूप मनाते है। देश में तीन जिले ही ऐसे हैं जो देश में सबसे पहले 1942 में आजाद हुए थे। जिसमें यूपी के बलिया, पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर, महाराष्ट्र के सतारा का नाम स्वर्णीम अक्षरों में अंकित है।

फिर भी जंगे आजादी में भूमिका निभाने वाले जिले का विकास उस तरीके से नहीं हुआ जिसकी उसे दरकार रही है। आजादी का अमृत महोत्सव तो मन रहे है लेकिन जिले के विकास पर हमें एक बार आंख बंद कर सोचना होगा। आज भी जिले में होकर गुजरने वाली एनएच 31 का सबसे बुरा हाल है। नगर क्षेत्र की सड़कें करोड़ों खर्च करने के बाद भी चलने लायक नहीं है। कूड़े का अंबार कोर्ट व टाउन हॉल जैसे ऐतिहासिक भवन के सामने लगा रहता है।

Block Your Lost / Stolen Mobile Phone Visit CEIR
Report Suspected Fraud Communication Visit CHAKSHU
Know Your Mobile Connections Visit TAFCOP

ब्रितानी सरकार ने इस भूमि का दोहन अफीम और नील की खेती के लिये किया था। जिले की गंगा और घाघरा नदियों के जलमार्ग का उपयोग कलकत्ता से इलाहाबाद और अयोध्या से कलकत्ता तक का व्यापारिक उपयोग किया।

बता दें कि ब्रिटिश सरकार ने ही 1891-95 में यहाँ पर मीटरगेज रेलवे लाइन बिछाया था। यहाँ से सिकन्दरपुर का गुलाबजल, केवड़ा जल, इत्र, हनुमानगंज से लोहे के औजार, खांडसारी, शीरा, देशी चीनी, खैनी और चटकल और कोयला खदानों में काम करने वाले कामगार पश्चिम बंगाल कलकत्ता के लिए जाते थे। बलिया जिले की जनता ने ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध 1857 में मंगल पाण्डेय के नेतृतव में सैनिक विद्रोह दिया। चौरा में ब्रिटिश खजाना लूटा। 1858 में वीरवर कुॅवर सिंह का सहयोग किया। 1942 में अंग्रेजी सरकार को उखाड़ कर अपनी सरकार बनाया।

1947 में देश आजाद हुआ। जिसकी 75वीं वर्षगांठ का अमृतमहोत्सव पूरे देश में मनाया जा रहा है। बलिया ने देश को लोकनायक जयप्रकाश नारायण, जननायक चन्द्रशेखर पूर्व प्रधानमंत्री, रेल, संचार आदि विभागों के केन्द्रीय मंत्री छोटे लोहिया जनेश्वर मिश्र, उत्तरप्रदेश सरकार में दो दर्जन मंत्री दिया।

जिले की मूलभूत आवश्यकताओं सड़क, बाढ़ से बचाव, रोजगार के अवसर, कृषि विकास के क्षेत्र में क्या हुआ इसपर मंथन करने की जरूरत है। जंगे आजादी में अग्रणी भूमिका निभाने वाले बलिया आज भी विकास से कोसों दूर है क्या इसके लिए अब तक रहे जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी को नजरअंदाज किया जा सकता है? इस बारे में अपनी राय नीचे कमेंट बॉक्स में ज़रूर दे।


Enjoy Live Vivid Bharti
Click here for more live radio
Advertisement
7007809707 for Ad Booking
Advertisement
7007809707 for Ad Booking
Enjoy Live Mirchi Top 20
Click here for more live radio
Advertisement
7007809707 for Ad Booking
Advertisement
7007809707 for Ad Booking
Enjoy Live Bhojpuri Songs
Click here for more live radio
Advertisement
9768741972 for Hosting Service
Advertisement
7007809707 for Ad Booking

कृपया हमारे वेबसाइट को आगे बढ़ाने के लिए डोनेट करें
donate
donate
Please donate to support our work
Pradeep Gupta
Turns chaos into clarity.

One Reply to “आजादी के 75 साल बाद भी, लड़ रहे विकास की जंग

Comments are closed.