लखनऊ : उत्तर प्रदेश के उन्नाव में एक युवक के घर बिजली का बिल एक लाख रुपये आने से मानसिक परेशान होकर युवक ने फांसी लगाकर जान दे दी। परिजनों ने बिजली विभाग पर आरोप लगाया है कि बिजली का बिल ज्यादा आने के कारण बेटे ने परेशान होकर आत्महत्या कर ली। यह तो बानगी मात्र है महकमे के अफसरों कि मिलीभगत से पुरे प्रदेश में यह खेल चल रहा है. लेकिन आमजन को कहा से न्याय मिलेगा यह समझ से परे है.
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वहीं प्रदेश सरकार के मंत्री एके शर्मा ने घटना पर दुख जताया। साथ ही आरोपियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. मामला अचलगंज थाना क्षेत्र के कुशलपुर वसैना गांव का है। जहां गांव में रहने वाला शिवम राजपूत मजदूरी कर अपना परिवार का पालन पोषण करता था.
शिवम के पिता महादेव का आरोप है कि उनके घर का बिजली का बिल पिछले महीने बिजली विभाग की लापरवाही के चलते एक लाख रुपये से ज्यादा का भेज दिया गया था। बार-बार कई तरह के बिल से परेशान हो गया था। इससे उनका बेटा परेशान रहने लगा था। इतना बिल आने पर बेटा मानसिक रूप से परेशान हो गया था। वह खेत में काम करने गए थे, तभी उनके बेटे ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पिता महादेव ने आरोप लगाया कि बिजली विभाग की लापरवाही से फांसी लगाकर जान दे दी।
बार-बार भेजा गया बढ़ा हुआ बिलशुभम ने 2022 में 600 रुपये जमा करके बिजली का कनेक्शन लिया था। बताया जा रहा है कि शुभम के घर में दो बल्ब, एक पंखा और एक टीवी के अलावा अन्य कोई बिजली का उपकरण नहीं है। बिजली विभाग की तरफ से 1 सितंबर 2024 को 1 लाख 9 हजार 221 रुपये का बिजली बिल शुभम को भेज दिया गया था। काफी भाग दौड़ के बाद बिल 16,377 रुपये कर दिया गया। इसे शुभम ने 14 सितंबर को किसी तरह जमा कर दिया। बिजली विभाग की तरफ से 7 अक्टूबर को फिर से बिल बढ़ाकर 8,223 रुपये भेज दिया गया, जिससे मानसिक रूप से परेशान होकर शुभम ने कमरे में जाकर फांसी लगा ली.
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