बलिया : जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के जयप्रकाश नारायण सभागार में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत समाज कार्य विभाग के द्वारा विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस व आत्महत्या रोकथाम पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजीत कुमार गुप्ता व मुख्य अतिथि डॉ. योगेंद्र दास उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने संयुक्त रूप से मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया।
कार्यशाला में मुख्य अतिथि डा. योगेंद्र दास ने कहा कि आत्महत्या एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। हमारे देश में प्रतिवर्ष लगभग एक लाख से ज्यादा लोग आत्महत्या करके मौत को गले लगा लेते हैं। मुख्य वक्ता क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डाॅ. अनुष्का सिन्हा ने कहा कि कभी भी मन में खुदकुशी का विचार आए तो अपने किसी करीबी से बात साझा करनी चाहिए. आत्महत्या के पीछे मनोवैज्ञानिक, सामाजिक, आर्थिक, पारिवारिक, व्यक्तिगत कारण होते हैं।
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जिंदगी के प्रति सदैव सकारात्मक नजरिया रखने के साथ सही दिनचर्या, शारीरिक व्यायाम को रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनाना, अपनी क्षमता के हिसाब से करियर, रिश्तों का चुनाव करके हम आत्महत्या से बच सकते हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. संजीत कुमार गुप्ता ने कहा कि मनुष्य का जीवन संघर्ष व चुनौतियों से भरा होता है जो चुनौतियों का सामना करता है वही इतिहास लिखता है। सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाकर समस्या में समाधान ढूंढना सफलता की पहली पहचान होती है।
कहा कि आत्महत्या किसी भी समस्या का समाधान नहीं है बल्कि कायरता का परिचायक होता है।इस मौके पर प्रमुख रूप से शैक्षणिक निदेशक डॉ. पुष्पा मिश्रा, डॉ. संजीव, डॉ. रूबी, डॉ. प्रेमभूषण यादव, डॉ. संध्या के साथ-साथ अन्य विभागों के प्राध्यापक भी मौजूद रहे। कार्यक्रम का आभार विशाल यादव एवं संचालन नितेश पाठक ने किया।
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