पुरानी पेंशन बचाओ मंच, बलिया के जिला संयोजक समीर कुमार पांडेय ने बीजेपी की प्रचंड जीत से पेंशन आंदोलन के भविष्य पर सवाल उठाने वालों और मीडिया में चल रही ख़बरों, जिसमें यह कहा जा रहा कि पुरानी पेंशन लेने के बाद भी कर्मचारियों ने कांग्रेस को वोट क्यों नहीं किया ? क्या इस चुनाव से यह सिद्ध नहीं हुआ कि कर्मचारी आंदोलन से सरकार नहीं डरने वाली ? अब पेंशन आंदोलन का भविष्य क्या होगा ? कोई एक कारण बताएं, जिससे विपक्ष आपके मुद्दे पुरानी पेंशन बहाल करने पर साथ दे सके ? इन सारे सवालों पर अपना प्रतिरोध दर्ज कराया है।
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चंद्रभानु पाण्डेय की शहादत से सीख लें युवा : रामगोविन्द चौधरी
। पांच दिसम्बर 1991 को पुलिस की गोलियों से ‘शहीद’ हुए छात्रनेता चन्द्रभानु पांडेय की 32वीं पुण्यतिथि पर मंगलवार को श्री मुरली मनोहर टाउन स्नातकोत्तर महाविद्यालय के जयप्रकाश नारायण सभागार में श्रद्धांजलि सभा हुई। शुरूआत मुख्य अतिथि पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।उन्होंने कहा कि स्व. चंद्रभानु पाण्डेय छात्र राजनीति में सदाचार के प्रबल पैरोकार थे। उन्होंने संघर्ष के रास्ते पर चल कर जिले की छात्र राजनीति को नई दिशा दी थी। आज की युवा पीढ़ी को उनसे सीख लेनी चाहिए।
अब चरस तस्करों में नहीं है सुरक्षा एजेंसियों का खौफ
भारत सीमा से सटे नेपाल के अंदर कई ऐसे गांव व कस्बे हैं जो नशीले पदार्थों खासकर चरस के गोदाम के रूप में इस्तेमाल हो रहे हैं। इस समय नेपाल के रास्ते चरस की तस्करी जिस रफ्तार में बढ़ी है वह सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय हो सकती है साथ ही यह भी चिंतित करती है कि नेपाल के सीमावर्ती इलाकों में चरस की खेप इकट्ठी कर वे कौन लोग हैं जो भारतीय युवकों को नशा परोस रहे हैं? नेपाल की खुली सीमा नशीले पदार्थों के तस्कर ही नहीं बिना वीजा पासपोर्ट के आर पार होने वाले विदेशियों के लिए दिन ब दिन मुफीद होती जा रही है। हैरान करने वाली बात है कि पिछले दो दिनों में नेपाल के सोनौली बार्डर से करीब सौ करोड़ की चरस पकड़े जाने के एक दिन बाद ही इसी रास्ते बिना वैध कागजात के भारत से नेपाल जा रहे दो इरानी नागरिक भी पुलिस के हत्थे चढ़ जाते हैं।दो दिन में क्रमवार सौ करोड़ की चरस की बरामदगी और दो इरानी नागरिकों की गिरफ्तारी से ऐसा लगता है कि अवांछनीय तत्वों को यहां सुरक्षा और पकड़े जाने का कोई भय नहीं है।
कार्तिक पूर्णिमा स्नान: गंगा तमसा के संगम तट पर लाखों ने लगायी आस्था की डुबकी,
कार्तिक पूर्णिमा स्नान करने के लिए गंगा तमसा के संगम तट पर लाखों श्रद्धालुओं का जनसैलाब रविवार को उमड़ पड़ा। रात के बाद सोमवार की भोर में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगायी और भृगु बाबा का दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित किया। वहीं, सुरक्षा को लेकर शहर से गंगा तट तक चप्पे-चप्पे पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। सुरक्षा की मॉनिटरिंग करने के लिए डीएम रविंद्र कुमार और एसपी एस. आनंद लगातार करते रहे।
ददरी मेला : नेताओं के अदूरदर्शी नीति के चलते महंगा हो सकता है ऐतिहासिक मेले का भव्य आयोजन
उत्तर प्रदेश के बलिया में लगने वाला ऐतिहासिक ददरी मेला का आयोजन अबकी बार महंगा साबित हो सकता है। नगर पालिका प्रशासन ने इस वर्ष 2023 में लगने वाला ऐतिहासिक ददरी मेले का बजट करीब ₹6 करोड़ रखा है। इस बजट को पूरा करने के लिए नपा प्रशासन मेले में दुकान लगाने वाले दुकानदारों से दुकान के लिए पूर्व के वर्षो की अपेक्षा इस वर्ष मिलने वाली जमीन की कीमत दो से चार गुना बढ़ाकर ले रहा है। यहीं नहीं मेला में झूला लगाने वाले संचालकों से भी मोटी रकम का डिमांड कि गयी है। नगर पालिका अध्यक्ष संत कुमार उर्फ़ मिठाई लाल का दावा है कि इस वर्ष ददरी मेले को नया स्वरूप देने के लिए करीब छह करोड़ रुपए खर्च होंगे।
बेटियों के सम्मान में अगर किसी ने सेंध लगाई तो उनकी दुर्गति तयः योगी
बांसडीह क्षेत्र के पिंडहरा गांव में नारी शक्ति वंदन महासम्मेलन का आयोजन हुआ। इसमें बतौर मुख्य अतिथि शामिल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने 129 करोड़ की 35 परियोजनाओं का लोकार्पण शिलान्यास किया।प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को चाभी वितरण करने के साथ आजीविका मिशन, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र प्रदान किया।महासम्मेलन को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बेटियों के सम्मान में अगर किसी ने सेंध लगाई तो उनकी दुर्गति तय है।
ददरी मेला में आकर्षण का केंद्र बनेगा रसड़ा की रसमलाई
महर्षि भृगु की तपोस्थली एवं उनके शिष्य दर्दर मुनि के नाम पर लगने वाले ऐतिहासिक ददरी मेले में इस बार हर कुछ नए अंदाज में होगा. जहां लाखों रुपए खर्च करके भारतेंदु मंच तैयार किया जा रहा है. वही मेले में नई-नई दुकान भी वैज्ञानिक तरीके से लगेगी. मेले में आयोजित होने वाले संस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से बाउंसर भी बुलाये गये हैं. इसके लिए अभी से तैयारी शुरू हो गई है. इस बार रसड़ा की मशहूर रसमलाई भी ददरी मेले में विशेष आकर्षण का केंद्र बनेगा.