एंटी करप्शन आजमगढ़ की टीम ने बुधवार को चकबंदी अधिकारी सदर कार्यालय से ढाई लाख की रिश्वत लेते चकबंदी अधिकारी सिकंदरपुर के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी राजेश कुमार राय को गिरफ्तार किया है। टीम ने उक्त मामले में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के अलावा सहायक चकबंदी अधिकारी सदर एवं सिकंदरपुर ललित कुमार के खिलाफ शहर कोतवाली में रिश्वत लेने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई है।
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जिलाधिकारी ने तीन बोर्ड परीक्षा केंद्रों का किया औचक निरीक्षण
माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा आज से शुरू हो गई है। बोर्ड परीक्षा की गंभीरता को समझते हुए जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने जनपद के तीन बोर्ड परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने परीक्षा केंद्र पर स्टेटिक मजिस्ट्रेट और केंद्र व्यवस्थापक से परीक्षा को सुचारू रूप से संपन्न कराने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
प्रयागराज से 18 फरवरी 1911 को पहली बार शुरू हुई थी दुनिया की पहली हवाई डाक सेवा: पीएमजी कृष्ण कुमार यादव
डाक सेवाओं ने पूरी दुनिया में एक लम्बा सफर तय किया है। प्रयागराज को यह सौभाग्य प्राप्त है कि दुनिया की पहली हवाई डाक सेवा यहीं से आरम्भ हुई। वाराणसी एवं प्रयागराज परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि यह ऐतिहासिक घटना 113 वर्ष पूर्व 18 फरवरी 1911 को प्रयागराज में हुई थी। संयोग से उस साल कुंभ का मेला भी लगा था। उस दिन दिन फ्रेंच पायलट मोनसियर हेनरी पिक्वेट ने एक नया इतिहास रचा था। वे अपने विमान में प्रयागराज से नैनी के लिए 6500 पत्रों को अपने साथ लेकर उड़े। विमान था हैवीलैंड एयरक्राफ्ट और इसने दुनिया की पहली सरकारी डाक ढोने का एक नया दौर शुरू किया।
पुलिस भर्ती परीक्षा : पुलिस की चार टीमों ने 14 क़ो किया अरेस्ट, लाखों की हुई थी डील, गैंग से जुड़े सदस्यों की कुंडली खंगालने में जुटी पुलिस
एसओजी /सर्विलांस टीम बलिया व थाना कोतवाली पुलिस की चार अलग-अलग टीमों द्वारा पुलिस आऱक्षी भर्ती परीक्षा पास कराने का झांसा देकर अभ्यर्थियों से पैसे की वसूली करने वाले/दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने वाले/परीक्षा केन्द्र के बाहर से से ब्लूटूथ/वाकी-टाकी से नकल कराने वाले कुल 11 व दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने वाला 01, पुलिस टीम द्वारा अलग अलग स्थानों से कुल 12 अभियुक्तों गिरफ्तार किया है. अभियुक्तों के पास से 1,00220/- रु0- (एक लाख दो सौ बीस रुपये) बरामद किया गया है.
याद करूँ तो 1942 बलिया की क्रांतिगाथा लिखने वाले धर्मराज से मिली राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
ब्रिटिश हुकूमत को उखाड़ फेंक कर क्राउन के समानांतर की सरकार बना लेने की घटना को जानकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू चकित रह गईं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से वार्तालाप के दौरान बलियावासी युवा लेखक धर्मराज गुप्ता ने युक्त एतिहासिक घटना का जिक्र करते हुए उन्हें बताया कि 1942 के अगस्त माह में गाँधी जी के आह्वान पर बलिया में जो क्रांति हुई उसकी मिशाल और कहीं नहीं मिलती। पुरे देश में सिर्फ यूपी का बलिया, महाराष्ट्र का सतारा, और पश्चिम बंगाल का मिदनापुर सबसे पहले आजाद हो चूका था.
बसन्त पंचमी उत्सव पर डॉ. रामविचार रामरती स्कूल में कार्यक्रमों की रही धूम
बसन्त पंचमी उत्सव के शुभ अवसर पर डॉ. रामविचार रामरती सरस्वती बालिका विद्या मंदिर रामपुर उदयभान बलिया में नवनिर्मित ओम ज्ञानदानी मातृ मन्दिर में मूर्ति स्थापना, विशाल कक्ष का शिलान्यास एवं बसंत उत्सव कार्यक्रम हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सर्वप्रथम मंदिर में ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी माता सरस्वती, ‘ॐ’ शब्द की प्रतिमूर्ति व मां भारती के नूतन विग्रह की स्थापना पूजन हवन कर की गई. जिसमें यजमान के रूप में विद्यालय के प्रधानाचार्या श्रीमती उमा सिंह, सह प्रबंधक मारुति नंदन तिवारी तथा डॉक्टर संतोष तिवारी द्वारा मां सरस्वती की पूजा अर्चना की गई।
सरस्वती पूजा पर विशेष: विदेशों में भी की जाती है विद्या की देवी मां सरस्वती की आराधना
विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा- अर्चना न केवल भारत में, बल्कि विश्व के अनेक देशों में भी की जाती है। इतिहास साक्षी है कि प्राचीन काल से ही भारत के व्यापारिक एवं सांस्कृतिक संबंध अनेक देशों से रहे हैं और जिन देशों के साथ भारत का सम्पर्क रहा है, उन सभी देशों में भारतीय देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना आज भी की जा रही है।इन देवी-देवताओं में विद्या की देवी सरस्वती की पूजा- अर्चना विशेष रूप से की जाती है।
सादगी के प्रतिमूर्ति थे पंडित राम लक्षन तिवारी
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, पूर्व विधायक, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष पंडित राम लक्षन तिवारी की 34वीं पुण्यतिथि अध्यापक भवन रामलीला मैदान के सामने बलिया में सादगी पूर्ण तरीके से आयोजित किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ जनार्दन राय ने किया. कहा पंडित राम लक्ष्मण तिवारी सादगी के प्रति मूर्ति थे उन्होंने अपने जीवन काल में समाज के उत्तरोत्तर विकास के लिए बहुत सारे कार्य किया उनके पदचिन्ह पर चलकर ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकती है.