आज सुबह नौ बजे का समय भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में इसलिए याद किया जाएगा कि दो वर्ष पहले प्रस्तावित अपने ही तीन कृषि कानूनों का अचानक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वापस कर लेने में किसानों उनकी फसलों, बीमा और बाजार को लेकर किये गये प्रयासों का उल्लेख किया और यह कहा कि किसान संगठन […]
आगे ही नही पीछे भी
आगे ही नहीं पीछे भी… भय और प्रलोभन में फँसी मीडिया
वर्ष 2021 जिन कारणों से अविस्मरणीय वर्ष माना जायेगा उनमें एक यह भी है कि इस वर्ष में दो व्यक्तियों को संयुक्त रूप से पत्रकारिता में नोबेल पुरस्कार की घोषणा की गयी। इन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता को लेकर जो मौलिक कार्य किये उन्हें इस पुरस्कार के द्वारा सम्मानित किये जाने का गौरव प्राप्त हुआ। तत्कालीन […]
आगे ही नहीं पीछे भी… शंकराचार्य का विज्ञान
जैन धर्म के प्रवर्तक ऋषभ देव थे जो गौतमबुद्ध से लगभग डेढ़ हाजर वर्ष पूर्व पैदा हुए होंगे। महावीर स्वामी इस परम्परा के तेइसवें तीर्थकर रहे। यह धर्म भारत के परम्परागत धर्म से बहुत अलग नहीं था। परम्परागत विचारधारा के अनुसार अपने इन्द्रियों द्वारा प्राप्त ज्ञान प्रत्यक्ष कहा जाता था जैसे कान से शब्द का, […]
आगे हीं नहीं पीछे भी… शंकराचार्य का झूठ
वेदों और उपनिषदों में प्रकृति अर्थात् भौतिक जगत, आत्मा अर्थात् विभिन्न नाम रूपों में जीवन को धारण करने वाला और सम्पूर्ण में चेतन स्वरूप में विद्यमान ब्रह्म तत्व को अनादि और अनन्त माना गया है। इनमें प्रकृति, जड़ और शेष दोनों चेतन कहे गये। प्रकृति अपने नियमों के अनुसार नाना प्रकार के आकार-प्रकार में जन्म […]