बलिया : नागाजी सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय माल्देपुर-बलिया में बसंत पंचमी उत्सव धूमधाम से मनाया गया। विद्यालय के समस्त आचार्य बंधु व विद्यार्थियों ने मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित किए।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य शैलेन्द्र त्रिपाठी जी ने सभी को बसंत पंचमी की शुभकामनाएं दी । उन्होंने कहा कि हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ मास के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को देवी मां सरस्वती का प्राकट्य दिवस मनाया जाता है। ग्रंथों के अनुसार इस दिन देवी सरस्वती प्रकट हुई थीं। तब देवताओं ने देवी स्तुति की।

स्तुति से वेदों की ऋचाएं बनीं और उनसे वसंत राग। इसलिए इस दिन को वसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है। वसंत का सीधा सा अर्थ है सौन्दर्य, शब्द का सौन्दर्य, वाणी का सौंदर्य, प्रकृति का सौंदर्य ,प्रवृत्ति का सौंदर्य। प्रकृति के आंचल में जब अनेकानेक पुष्प मुस्कारते हैं, जब कोयल की कूक कानों में मिठास घोलती है, जब पेड़ पुष्प अपना परिधान बदलते हैं और जब वाणी मधुरता का अमृतपान कराती है ,तो सुनते देखते ही पहला शब्द निकलता है वाह… अद्भुत… विलक्षण.. अनुपम ।
Report Suspected Fraud Communication Visit CHAKSHU
Know Your Mobile Connections Visit TAFCOP

वास्तव में यही बसंत है तभी तो इसे रितुराज की संज्ञा दी गई है। रितु विचिका में दो ऐसे मास हैं, जो हमारे मन को सीधे सीधे प्रभावित करते हैं, एक सावन और दूसरा बसंत। दोनो ही मास को साहित्य, समाज, समरसता, संगीत और सकारात्मकता से जोड़ा गया है। कालीदास से लेकर आज तक के अनेक रचनाकारों को ये मास आनंदित करते हैं।

इस अवसर पर विद्यालय के संगीत विभाग के भैयाओं के द्वारा मां की वंदना के पश्चात विधि विधान से शास्त्रीय विधान से हवन पूजन का कार्यक्रम संपन्न हुआ । इस अवसर पर समस्त आचार्य बंधु एवं आचार्या बहनें उपस्थित रहे।

Enjoy Live Vivid Bharti

Advertisement 7007809707 for Ad Booking
Enjoy Live Mirchi Top 20

Advertisement 9768741972 for Hosting Service
Enjoy Live Bhojpuri Songs

कृपया हमारे वेबसाइट को आगे बढ़ाने के लिए डोनेट करें Please donate to support our work