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अध्यात्म व धर्म को हम छोड़ देंगे तो कुछ नहीं बचेगा


आजादी दिलाने, राष्ट्र विरोधी ताकतों को उजागर कर भारत की सांस्कृतिक विरासत बनाये रखीं
बलिया। अधिवक्ता परिषद उत्तर प्रदेश, बलिया इकाई के तत्त्वावधान में बलिया जिले के टाउन हाल में युवा अधिवक्ता सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गोरक्षप्रान्त के प्रान्त प्रचारक सुभाष, क्षेत्र  प्रचारक प्रमुख राजेन्द्र, विभाग प्रचारक श्रीप्रकाश, अधिवक्ता परिषद के राष्ट्रीय सदस्य उदयवीर, राष्ट्रीय मंत्री सत्यप्रकाश राय, प्रदेश मंत्री शीतल  द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की साप्ताहिक पत्रिका पाञ्चजन्य के उत्तर प्रदेश विशेषांक का विमोचन किया गया। सर्वप्रथम मुख्य अतिथि, विशिष्ठ अतिथि गणों द्वारा भारत माता व दत्तोपंत ठेंगड़ी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन व सामूहिक वन्देमातरम गीत के गान के बाद सम्मेलन का शुभारंभ हुआ।
पुस्तक विमोचन  पर बोलते हुए मुख्य अतिथि प्रान्त प्रचारक सुभाष ने बताया कि पांचजन्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा हिंदी में प्रकाशित एक भारतीय साप्ताहिक पत्रिका है। इसकी शुरुआत आरएसएस के प्रचारक दीनदयाल उपाध्याय ने 1948 में लखनऊ में की थी। साप्ताहिक 14 जनवरी 1948 को मकर संक्रांति के दिन शुरू किया गया था । इसके प्रथम संपादक अटल बिहारी वाजपेयी थे। उद्घाटन के कवर पेज में देशभक्ति पर आधारित आदर्शवाद को आगे बढ़ाने और भारत की सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखने के उद्देश्य से भगवान कृष्ण की तस्वीर थी । उन्होंने आगे बताया कि पांचजन्य का उद्देश्य अंग्रेजों से आजादी दिलाने, राष्ट्र विरोधी ताकतों को उजागर कर भारत की सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखने के उद्देश्य से किया गया था।
उन्होंने युवा सम्मेलन पर बोलते हुए कहा कि सनातन धर्म बढ़ेगा तो राष्ट्र बढ़ेगा। कलकत्ता के एक कुलीन बंगाली कायस्थ परिवार में जन्मे विवेकानन्द आध्यात्मिकता की ओर झुके हुए थे। वे अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस से काफी प्रभावित थे जिनसे उन्होंने सीखा कि सारे जीवो मे स्वयं परमात्मा का ही अस्तित्व है। 1893 के विश्व धर्म संसद में भारत का प्रतिनिधित्व करने, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए प्रस्थान किया जहां उन्होंने हिंदू दर्शन के सिद्धान्तों का प्रसार किया। अमेरिका के शिकागो में बोलते हुए विवेकानंद ने बताया कि भारत का उत्थान तब होगा जब अध्यात्म का विकास होगा। यदि अध्यात्म को, धर्म को हम छोड़ देंगे तो कुछ नहीं बचेगा। आजकल हिन्दू व हिंदुत्व पर बहस चल रही है। हिन्दू की व्याख्या करते हुए  उन्होंने बताया कि हिन्दू जीवन जीने की शैली है जो हिंसा को दूषित मानता है। भगिनी निवेदिता ने स्वामी विवेकानंद जी के विषय में बताया था कि वो एक योद्धा सन्यासी थे। स्वामी विवेकानंद ने आह्वान किया था कि जिनके भुजाओं में बल हो, जनकी नसों में गर्म रक्त प्रवाहित होता हो तथा जिनकी आंखों में राष्ट्रप्रेम की भावना प्रबल हो यदि ऐसे सौ युवा मुझे मिल जाये तो मैं भारत का भाग्य बदल सकता हूँ। भारत में विवेकानन्द को एक देशभक्त सन्यासी के रूप में माना जाता है और उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
अपने सम्बोधन के अंत में प्रान्त प्रचारक जी ने कहा कि राष्ट्र भक्ति का ध्येय ले हम सभी को राष्ट्रोत्थान के कार्य में लगना चाहिए। इसी क्रम में विशिष्ठ अतिथि अधिवक्ता परिषद के राष्ट्रीय संरक्षक लाल बहादुर सिंह जी बताया कि सभी युवाओं को स्वामी विवेकानंद के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। चाहें जो भी परिस्थितियां हों धर्म का मार्ग नहीं छोड़ना चाहिए क्योंकि यह सत्य है कि जिसने धर्म के अनुरूप आचरण नहीं किया उसका पतन हो गया। महाभारत का युद्ध भी धर्मयुद्ध था जिसमें धर्म की जीत हुई थी।
ज्ञात हो कि यह सम्मेलन तीन सत्रों में चला।
द्वितीय सत्र में बोलते हुए उच्च न्यायालय के लखनऊ खंडपीठ की अपर महाधिवक्ता ने बताया कि स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि ‘उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए।’ उन्होंने अधिवक्ताओं के अधिकार का विस्तृत वर्णन किया।
अधिवक्ता परिषद के राष्ट्रीय मंत्री श्री सत्य प्रकाश राय जी ने अधिवक्ता परिषद की अधिवक्ताओं के बीच भूमिका क्या है इस पर विशद चर्चा किये। उन्होंने बताया कि अधिवक्ता का कार्य  विश्वास का होता है। देश की सेवा मरके नहीं अपितु जिंदा रहके किया जा सकता है। भारत के सामने जो चुनौतियां है उससे सामना करने के लिए अधिवक्ता परिषद को आगे आना पड़ेगा।
      प्रदेश मंत्री शीतल जी ने   आज के युवा सम्मेलन की सार्थकता के बारे में विस्तार से बताया कि अधिवक्ताओ के सामने अनेक प्रकार की समस्याएं रहती है जिनका व बिना डरे करता है। अधिवक्ता समाज मे सकरात्मक नैरेटिव प्रस्तुत करता है जिस से समाज को राष्ट्र को लाभ मिलता है।
इस कार्यक्रम का संचालन गोरक्षप्रान्त के प्रदेश मंत्री विजेंद्र सिंह व श्री घनश्याम जी द्वारा, परिचय अधिवक्ता परिषद के जिला महामंत्री अजय राय व आभार अधिवक्ता परिषद के जिलाध्यक्ष विनय सिंह द्वारा किया गया। ज्ञात हो कि इस सम्मेलन में गोरक्षप्रान्त के विभिन्न जिलों मऊ, गोरखपुर, देवरिया, सन्त कबीर नगर, आर्यमगढ़, सिद्धार्थ नगर के कार्यकर्ता बन्धु उपस्थित थे।
   इस अवसर पर विभाग प्रचारक श्रीप्रकाश, जिला प्रचारक सतेंद्र, जिला कार्यवाह हरनाम, अरुण मणि, मारुति नन्दन, नगर प्रचारक सचिन, अधिवक्ता परिषद बलिया इकाई के जिलाध्यक्ष विनय सिंह, जिला महामंत्री अजय राय, उपाध्यक्ष विनोद भारद्वाज, डॉ राकेश सिंह, सतेंद्र प्रताप सिंह, विमल राय, अमित पाण्डेय, लाल बहादुर, मनिन्द्र नाथ राय, प्रशांत पाण्डेय, कुंज बिहारी गुप्ता, छोटेलाल चन्द्रशेखर, बाल्मीकि,आदि उपस्थित थे।


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