Breaking News

एनजीटी ने अफसरों पर नहीं कसी नकेल तो मैली होती रहेगी निर्मल गंगा

गंगा के जल को आचमन योग्य बनाने के लिए यूपीपीसीबी को करने होंगे सख्त कार्रवाई

बलिया: गंगा में सीधे सीवेज कप पानी कटहल नाला के माध्यम से गिराने के मामले में एनजीटी के सख्ती के बाद भी ना तो नगर पालिका और यूपीपीसीबी के अफसर मामले में कुछ कड़े कदम उठाते नहीं दिख रहे हैं. आलम यह है कि कटहल नाला के माध्यम से गंगा में सीधे सीवेज गिराने पर UPPCB ने नगर पलिका बलिया के खिलाफ 2.30 करोड़ का जुर्माना लगाना कारगर साबित होता नहीं दिख रहा है. यह कार्रवाई एनजीटी की सख्ती के बाद यूपीपीसीबी ने की है. बलिया नगर पालिका परिषद के खिलाफ कार्रवाई से नगर पालिका के अफसरों की नींद उड़ चुकी है. हालांकि UPPCB भी इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए नाले में सीवेज का पानी गिराने वालों की सूची बनानी शुरू कर दिया है. जिससे की उन सभी लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा सके. गंगा नदी में प्रदूषण फैलाने पर यूपीपीसीबी ने बलिया के नगर पालिका परिषद पर 2.30 करोड़ रुपये का हर्जाना पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने पर लगाया है.

Block Your Lost / Stolen Mobile Phone Visit CEIR
Report Suspected Fraud Communication Visit CHAKSHU
Know Your Mobile Connections Visit TAFCOP

सूत्रों की माने तो नगर पालिका को यह हर्जाना 15 दिन में जमा करना होगा. कटहल नाले के गंगा में सीवर और कचरा गिराने से हो रहे प्रदूषण पर एनजीटी की सख्ती के बाद यूपीपीसीबी ने यह कार्रवाई की है। वहीं एनजीटी ने इसी मामले में पूर्व में रिपोर्ट नहीं देने पर यूपी सरकार पर भी 25 हजार रुपये के जुर्माना पर भी राहत देने से मना कर दिया है.

बीते वर्ष 13 सितंबर 2023 को सुनवाई में प्रमुख सचिव नगर विकास ने एनजीटी को बताया था कि एसटीपी के निर्माण के लिए टेंडर हो गया है। 18 महीने में एसटीपी का निर्माण हो जाएगा। 19 मार्च 2024 को एनजीटी ने पाया कि गंगा में प्रदूषण होने से रोकने के लिए जरूरी कार्यवाही नहीं की गई। इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के नाम भी एनजीटी को नहीं बताए गए। एनजीटी ने जहां यूपीपीसीबी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर नाराजगी जताई।

यूपी सरकार पर एनजीटी के आदेशों का अनुपालन न करने पर 19 के खिलाफ एफआईआर किये जाने की जानकारी एनजीटी को यूपी सरकार की तरफ से दी गई है. जिसमे कि 19 लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ प्रदूषण फैलाने के मामले में एफआईआर भी कराई गई है। हालांकि इसके बाद भी जुर्माना माफ करने के लिए एनजीटी ने मना कर दिया। एनजीटी का कहना है कि ऐसा कोई वाजिब कारण नहीं है जिसके लिए जुर्माना माफ किया जाए.समय से रिपोर्ट नहीं देने पर यूपी सरकार पर पूर्व में लगाए 25 हजार रुपये के जुर्माना पर भी राहत एनजीटी ने नहीं दी.

इस आदेश के बाद 16 मई को यूपी सरकार ने नई रिपोर्ट एनजीटी में दाखिल की। जिसमें बताया गया कि 20 एमएलडी के एसटीपी का निर्माण शुरू हो गया है और फरवरी 2025 तक पूरा हो जाएगा। प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात की तरफ से बताया गया कि बलिया के कुल 26 हजार में से 14342 घरों के सीवर को इस एसटीपी से जोड़ दिया जाएगा। बाकी 11685 घरों का क्या होगा? इस पर कोई जबाव नहीं मिल सका है। हालांकि, प्रमुख सचिव नगर विकास के जबाव में कहा गया है कि कटहल नाले में गिरने से बाले, छह छोटे नाले इस एसटीपी से जुड़ जायेंगे.

नहीं सुधरे तो हर छह महीने पर लगेगा हर्जाना

यूपीपीसीबी ने एनजीटी को बताया कि 46 महीने तक प्रदूषण फैलाने के लिए पांच लाख रुपये महीने के आकलन करते हुए नगर पालिका परिषद बलिया पर 2.30 करोड़ रुपये का हर्जाना लगाया गया है। 15 दिन में यह हर्जाना जमा करना होगा। अगर भविष्य में भी यही हालात रहे तो हर छह महीने पर हर्जाना लगता रहेगा।नगर पालिका परिषद और इसके कार्यकारी अधिकारी के खिलाफ भी विशेष कोर्ट में वाद दर्ज करने की कार्रवाई शुरू हो गई है।यह काम कैसे होगा? इसके लिए अलग से जबाव देना होगा। एनजीटी के चेयरमैन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव, सदस्य जस्टिस अरूण कुमार त्यागी, डॉ. ए सेंथिल वेल के आदेश में कहा गया है कि यूपी सरकार और यूपीपीसीबी नए सिरे से रिपोर्ट दें। अगली सुनवाई तीन सितंबर को होगी।


Enjoy Live Vivid Bharti
Click here for more live radio
Advertisement
7007809707 for Ad Booking
Advertisement
7007809707 for Ad Booking
Enjoy Live Mirchi Top 20
Click here for more live radio
Advertisement
7007809707 for Ad Booking
Advertisement
7007809707 for Ad Booking
Enjoy Live Bhojpuri Songs
Click here for more live radio
Advertisement
9768741972 for Hosting Service
Advertisement
7007809707 for Ad Booking

कृपया हमारे वेबसाइट को आगे बढ़ाने के लिए डोनेट करें
donate
donate
Please donate to support our work
Pradeep Gupta
Turns chaos into clarity.