कार्यक्रम के शुभारम्भ मुख्य अतिथि सरस्वती शिक्षा परिषद एवं विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष रामकुमार तिवारी और विशिष्ट अतिथि प्रबन्धक संजय कुमार कश्यप ने दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पार्चन के द्वारा किया गया एवं भारत माता की आरती के द्वारा किया गया। इससे पूर्व प्रांगण में मुख्य अतिथि द्वारा ध्वजारोहण विद्यालय के पदाधिकारियों एवं अन्य गणमान्य लोगों की उपस्थिति में किया गया.
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बलिया : डॉ. रामविचार रामरती सरस्वती बालिका विद्या मंदिर रामपुर उदयभान बलिया में 75वाँ गणतंत्र दिवस पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. स्वस्तिका पांडेय ने ध्वजारोहण किया, विशिष्ट अतिथि व मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गोरक्षप्रान्त के सह प्रान्त संयोजक कुटुंब प्रबोधन संजय शुक्ल ने अपने संबोधन में बालिकाओं को भारत के गौरवशाली इतिहास के बारे में बताते हुए कहा कि हमारा इतिहास संघर्षों का रहा है।
हम संघर्ष करते हुए हर बाधा पर विजय प्राप्त किया है। उन्होंने भारतीय गणतंत्र दिवस के बारे में बताते हुए कहा कि आज हम अपना 75वां गणतंत्र दिवस मना कर 76वें वर्ष में प्रवेश कर रहें हैं। 15 अगस्त ज़ह 1947 को भले ही देश स्वतंत्र हो गया था, लेकिन तब हमारे पास अपना संविधान नहीं था। स्वतंत्रता के तीन साल बाद 26 जनवरी जनवरी सन 1950 को हमें हमारा संविधान मिला। संविधान लागू होने के बाद हमारा देश एक गणतन्त्रात्मक देश बना।इस अवसर पर विद्यालय के सह प्रबंधक मारुति नंदन तिवारी, कोषाध्यक्ष श्रीमती वाणिका अग्रवाल, नगर प्रचारक अविनाश तथा विद्या भारती के संभाग निरीक्षक कन्हैया चौबे उपस्थित रहे। घोष की बहनों ने अतिथियों का स्वागत अभिनंदन किया। ध्वजारोहण व राष्ट्रगान के बाद मां शारदे की वंदना एवं भारत माता की आरती के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। अतिथियों का परिचय व्यवस्था प्रमुख आचार्या श्रीमती कंचन ने कराया। इसके बाद छात्रा बहनों ने देशभक्ति से संबंधित अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। इसी क्रम में विद्यालय की अवकाश प्राप्त सहायक आचार्या श्रीमती माधुरी सिंह एवं अवकाश प्राप्त कार्यालय प्रमुख जयशंकर पांडेय की शाल व स्मृति चिन्ह देकर उनका सम्मान किया गया।
इसके अतिरिक्त बहन हर्षिता की सर्वोत्तम प्रदर्शन पर उसे प्रधानाचार्य द्वारा सम्मानित किया गया। कन्या भारती की अध्यक्ष शुभ्रा, जिसके नेतृत्व में लगातार कन्या भारती ने विद्यालय की बहनों में नेतृत्व की क्षमता का विकास करने का अवसर दिया तथा विद्यालय की सेनापति वैष्णवी तिवारी के साथ कन्या भारती की पदाधिकारी बहनों और संचालक बहनों को भी प्रधानाचार्या द्वारा पुष्प गुच्छ व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।
आए हुए अतिथियों के प्रति आभार ज्ञापित करते हुए प्रधानाचार्य श्रीमती उमा सिंह ने कहा की वर्तमान समय में हमें अपने संविधान के प्रति कटिबद्ध होने की जरूरत है और हम आज के दिन यह शपथ लें कि हम अपने कर्तव्यों का निर्वहन भली-भांति करते हुए देश को परम वैभव पर ले जाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निभाएंगे और साथ ही उन्होंने मतदान के दिन हम सभी अपने मताधिकार का प्रयोग करने अवश्य जाएं ऐसी भी अपील आज के दिन की । इस अवसर पर विभाग प्रचार प्रमुख सत्यव्रत सिंह, जिला सेवा प्रमुख डॉ. सन्तोष तिवारी के साथ विद्यालय के समस्त आचार्या बहनें एवं कर्मचारी बन्धु उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन वंदे मातरम के साथ किया गया
गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि सरस्वती शिक्षा परिषद एवं विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष रामकुमार तिवारी ने कहा कि संविधान का निर्माण सामाजिक आर्थिक व राजनीतिक न्याय के लक्ष्य का प्राप्ति एवं व्यक्ति की गरिमा एवं अधिकारों के रक्षण हेतु किया गया था। किसी भी लोकतंत्र की सफलता उसमें निवास करने वाले व्यक्तियों को अवसरों की समानता उपलब्ध करा करके ही की जा सकती है। संवैधानिक अधिकारों के सम्यक व उदेश्यपूर्ण प्रयोग द्वारा संविधान के निर्माताओं द्वारा देखे गए सशक्त भारत की संकल्पना पूर्ण की जा सकती है। इसके लिए आवश्यक है कि नई पीढ़ी उचित मार्गदर्शन में संविधान के संरक्षण के लिए सतत् प्रयत्नशील रहकर नेतृत्व करे.
आज खुशी का दिन इसलिये भी है कि अयोध्या में श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा होने से तीनों लोकों में मंगल ही मंगल है।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि विद्यालय प्रबंध समिति के प्रबन्धक संजय कुमार कश्यप ने कहा कि समरसता, बन्धुत्व, धार्मिक सद्भावना एवं सहयोग आदि मानवीय गुणों को आत्मसात् करने की युवा पीढ़ी को आवश्यकता है। तभी संविधान के उद्देश्यों की प्राप्ति सम्भव है।
अतिथि परिचय विद्यालय के प्रधानाचार्य शैलेन्द्र त्रिपाठी ने अतिथि परिचय कराया गया। उन्होंने कहा कि आज का दिन उन देशभक्तों के त्याग, तपस्या, शौर्य और बलिदान की अमर कहानियों को याद करने का दिन है जिनके कारण हम गणतंत्र स्थापित कर सके है। शताब्दियों की परतंत्रता के उपरांत हमने 15 अगस्त 1947 को आजादी पायी। देश के स्वतंत्र होने के ढाई वर्ष पश्चात्् के 26 जनवरी 1950 को देश के कर्णधारों ने भारत के नवीन संविधान को लागू किया तभी से भारत के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति कहलाते है और 26 जनवरी 1950 से ही आज के दिन को हम सभी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते है।
कार्यक्रम का संचालन मनोज अस्थाना जी द्वारा किया गया। विद्यालय के आचार्य श्रीमान जयप्रकाश सिंह जी ने अपने व्यक्त प्रस्तुत किया। उक्त अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ , बलिया के जिला कार्यवाह हरनाम, प्रांत के उपाध्यक्ष अक्षय कुमार ठाकुर , संभाग निरीक्षक कन्हैया चौबे जी उपस्थित रहे । उक्त कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के भैया अमन, वेदांत, आर्यन , सक्षम , रुद्रांश, सत्यम ,आदर्शदीप , देवेश, अवनीश, सत्यक्तृत, आर्यन शुक्ला एवं समस्त आचार्य, कर्मचारी आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
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